नारी तुझे सलाम
नारी तुझे सलाम
तुम पर ही परिवार टिका है
घर की तुम धुरी हो नारी
नाज़ है तुम पर समाज को
शक्ति की तुम प्रतीक हो नारी।
कन्या से पत्नी बनते ही
परिवार को कर्म क्षेत्र मान लिया
बच्चों के भविष्य की खातिर
अपना “आज” कुर्बान किया।
अपनी निजता को त्याग कर
तुमने रिश्तों को है मान दिया
पति की प्रगति को आगे रख
अपने सपनों का बलिदान किया।
बच्चे जीवन में सफल हुए
आँख तुम्हारी छलक उठी
चेहरे पर झाई बाल में चाँदी
होठों पे मुस्कान थिरक उठी।
वर्षों बखूबी निभाई तुमने
घर-ऑफिस की जिम्मेदारी
आज मिली आज़ादी तुमको
जी लो अपना जीवन नारी।।