नारी का सम्मान करो
नारी का सम्मान करो
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नारी है ममता का सागर, नारी का सम्मान करो,
नारी जीवनदायिनी है, सदैव उसका गुणगान करो।
नारी दुर्गा, सरस्वती, और लक्ष्मी का जैसे अवतार है
नारी है आधार स्तम्भ, गृह-आँगन का श्रृंगार है,
त्याग की प्रतिमूर्ति, बलिदान को सदैव तैयार है,
असीमित नारी सामर्थ्य की ज्ञान चक्षुओं से पहचान करो।
नारी है ममता का सागर, नारी का सम्मान करो।
नारी प्रेम पीयूष से पूरित घन और शीतल चंदन है,
नारी ऊँचाई की परिचायक, जैसे विस्तृत नील गगन है,
नारी बिन निष्प्राण सृष्टि, मृत तन का जैसे जीवन है,
हे नारी! तुम अबला नहीं हो, निज शक्तियों का भान करो।
नारी है ममता का सागर,नारी का सम्मान करो।
घर की बेटी को दे दो एकमात्र शिक्षा का अधिकार,
उसके स्वर्णिम स्वप्नों पर दे दो, होने दो साकार,
विद्या धन ही होता है नारी का अमूल्य अलंकार,
नारी को अशिक्षित रखकर मत उसका अपमान करो
नारी है ममता का सागर, नारी का सम्मान करो।