नादान
नादान
जब छोटे थे इन बादलों को देखकर
सोचा यह तो है एक
रूह का ग़ुब्बारा
तोड़ दे इसे बनाए एक बड़ा तकिया
जिस पे सोकर देखे हम हसीन सपना
बड़े हँस पड़ते हमारी नादानी देखकर
कहते नहीं आसान यह इतना
क्यूँकि यह तो है एक अनोखा धुआँ
जीवन देता यह तो है पानी की धारा
पर हम ना माने उनकी यह बात
देखते सपने फिर भी आज
तोड़ दे चुपके से इसे बनाए हम एक
नया साज़।
