Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

shruti chowdhary

Romance Tragedy

4  

shruti chowdhary

Romance Tragedy

न तुम जानो न हम

न तुम जानो न हम

1 min
256


वो चाहती थी

तुम्हें सम्पूर्णता में प्यार करना

और जानना चाहती थी

तुम्हारे बारे में हर छोटी बड़ी बात

वो विश्वास करती थी तुम पर इतना


उसकी सांसें छाती से उठकर गले तक भर आती

वो याद रखने में कि तुम्हें क्या पसन्द है

भूलती गयी उसे भी कुछ पसन्द है

वो हर पल तानें खाती चली गयी


होश हवाश मिटटी में मिलते चले गए

कोई न जाने कोई न समझे 

ये रिश्ता क्यों लगता एक बंधन है

जिसकी डोर चलनी करती है 

जब भी ख़ुशी के पल चाहती '


क्यों उसे मिलती तनहा जिंदगी

वो कई ज़िन्दगियाँ समेटकर

एक ज़िन्दगी में जी लेना चाहती थी

वो पलकों की थिरकन पर

उठा लेना चाहती थी कांच की दीवार


वो अनन्त यात्राएं करती थी

और उसकी मंज़िल होते थे तुम

तुमने जिसे हरा दिया,तोड़ दिया 

और पहचान भी न पाए

कि कौन थी वो और 

क्या हो सकती थी वो


सिर्फ तुम्हारे लिए

उसकी मुस्कुराहटें असीम है

उसके आंसू तुम्हारे लिए फीके है 

तुम ढूंढ नहीं पाओगे

वो नमकीन दर्द का ख़ज़ाना कहाँ रखती है !

उसके हर दुआ में तुम्हारी सलामती 

ही केवल शेष रहते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance