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Arunima Bahadur

Action

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Arunima Bahadur

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न रोक सकेगा तूफान

न रोक सकेगा तूफान

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प्रलयकारी एक तूफान, कदम रोकने चला,

नारी को समझ अबला, प्रचंड वेग से चला।


कैसे करेगी साकार स्वप्न, राह रोकने खड़ा।

धैर्य की हर परीक्षा, तूफान लेने को चला।।


एक पल को वो रुकी, राह समझने को।

तूफान से बिना डरे, अस्त्र शस्त्र संग चली।।


ऐसा तूफान बना नही, रोक ले जो उड़ान को।

छीन सके जो नारी से, उसकी ही पहचान को।।


पग उठा वो चल पड़ी, अपनी राह को सजाने।

शूल हो फूल हो, चली जीवन पथ वो संवारने।।


एक साधारण जीव नही, नारी तो एक शक्ति है।

उसके ही तप साधना से, उजली सी ये सृष्टि है।।


कर्तव्य पथ की वो पुजारिन, मुस्कुराहट मुख पर है।

संघर्ष पथ पर भी उसका, लक्ष्य को समर्पण है।।


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