मुसाफ़िर की खबर
मुसाफ़िर की खबर
अब तो अखबार से भी डर लगता जनाब
करोना केसिस की खबरों का सैलाब
जीवन बन गया मुसाफिर खाना
नहीं खबर कहाँ आना जाना।
हर मोड़ पर खड़ा इक अंजान मुसाफिर
हर आने जाने वाले से मिलने को लालायित
ग़लती से छू गए उसको, जानो असलियत
समझो जीवन हो गया करोना मलकियत।
संभल जाओ साथियों करो ध्यान
घर से न निकलो हो जाओ अंतर्ध्यान
निकलना जरूरी तो पहनो मास्क बात मान
भारी पड़ेगा अगर रहे तुम बन अंजान ।
चीन से आया मुसाफ़िर तो छू चला जाएगा
तुम्हारा चित्र फिर खबर बन जाएगा
फिर परिवार हाथ मलता रह जाएगा
अनमोल शरीर वापिस न मिल पाएगा ।
सब ले लो एक ही प्रण
न मिलना मुसाफ़िर से
न बनना ज्वलंत खबर
घर में ही रहना बस, बस।
