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PRATAP CHAUHAN

Tragedy Children

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PRATAP CHAUHAN

Tragedy Children

मुन्नी

मुन्नी

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 एक थी छोटी प्यारी मुन्नी, 

 खेल रही थी वह कमरे में।

 कमरे में एक सोफा भी था,

 और अलमारी थी कोने में।


 मुन्नी ने अलमारी खोली,

 अलमारी से गेंद निकाली।

 अलमारी गुस्से में आई,

 वह मुन्नी पर चिल्लाई।


अलमारी बोली मुन्नी से,

गेंद हमारी वापस कर दो।

मेरे बच्चों को ना रुलाओ,

वापस गेंद रेक में रख दो।


सोफा बोला यहां न खेलो,

तुम जाकर बाहर कहीं खेलो।

यह सब सुनकर मुन्नी वाली,

बोली गेंद तुम्हीं अब ले लो।


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