मुन्ना का योग अज्ञान
मुन्ना का योग अज्ञान
मुन्ना दवा खात खात खाट पर
रोवत है।
अपने कमीज के ऊपरी जेब को
टटोलट है
योग ध्यान और व्यायाम छोड़
अस्पताल क्लिनिक में,
अपना समय और पैसा निस दिन
खोवत है,
मुन्ना आज आपन दवा दारू में
जमीन जायदाद भी बेचत है,
मुन्ना आज योग प्राणायाम को
आज बहुत हल्के में लेवत है,
मुन्ना का लाद आज महंगाई से
भी जादा निकल गया
अस्थमा डायबिटीज शुगर ब्लड
प्रेशर भी हो गया,
मुन्ना आज माथा पे हाथ रख खूब
रोवत है।
दवा दारू करत फिर भी आज वह
ठीक न होवत है।
मुन्ना बिना योग हाय मांँ हाय बापू
बोलत चिखत है।
मुन्ना आज योगा प्राणायाम पे
ध्यान न देवत है।
मुन्ना आज गरीब हो गया डाक्टर
अब अमीर हो गया
डॉक्टर का अब महल बन गया
मुन्ना पैसे से फकीर हो गया
मुन्ना आज मरणासन्न हो गया
एक अस्पताल में अब कैद हो
गया।
दर्द से अब कराहत है हाथ पैर
सब कापत है।
मुन्ना अब पछतावत है योग ध्यान
करने को अब सोचत है।
मुन्ना निस दिन योग करत अब
मुन्ना अब दवा दारू छोड़ योग में
अपना समय देवत है।
मुन्ना अब स्वस्थ अब होवे है
अस्थमा डायबिटीज मोटापा
रोग अब दूर होवे है।
मुन्ना आज योगा से पुनः जीवन
अब आपन मानत है।
अब मुन्ना डॉक्टर क्लीनिक
के बारे में ना सोचत हैं।