STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

3  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

मुलाकात

मुलाकात

1 min
224

किसी को पा लेना ही जिंदगी नहीं होती है

दरिया में रहने से ही प्यास पूरी नहीं होती है,

ये वक्त की नज़ाकत और है साखी की

उनकी हमसे कभी मुलाकात नहीं होती है,

लेकिन यदि वो ख्वाबो में ही वो मिल जाये

ये मुलाक़ात भी वरदान से कम नहीं होती है,

जिसे हम चाहते है वो हमें मिले तो सही

उनकी लिये हरपल ही ये मेरी रूह रोती है,

अंधेरो से भी तब उजाला हो जाता है,साखी

जब भी दिल की दिल से मुलाक़ात होती है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance