STORYMIRROR

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Drama

2  

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Drama

मुक्तक

मुक्तक

1 min
185

बीती रात हुआ उजियाला, 

फूलों पर भँवरों ने डेरा डाला।


शुरु हुआ जीवन का शोर-शराब, 

जल उठी विकास की तीव्र ज्वाला।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama