मुक़द्दमे मीडिया पर
मुक़द्दमे मीडिया पर
भंग कर दो जो भी है अदालतें देश में,
मुक़द्दमे चला करेंगे अब 'चिड़िया' पर!
वहाँ से जो हो जाएंगे बरी, तो ये अपील,
हुआ करेंगी टी. वी. और मीडिया पर!
ज्यूडिशियल परीक्षा भी बंद हो जाएँगी,
जज बनेंगे फॉलोवर्स की सँख्या देखकर!
फ़ैसला भी किया करेंगे न्यायाधीश लोग,
किसी मुद्दे के पार्श्व में जनसँख्या देखकर!
अपने पक्ष रखने की आज़ादी भी दोस्तों,
तब उस एक पक्ष के पास ही रह जायेगी!
आगे क्या लिखूँ और मैं दोस्तों, आगे लिखा,
तो कलम से निकल के ज्वाला बह जायेगी!
अंत में इतना ही बस मैं ये कहना चाहूँगा,
सोच में, न मैं दाएं, न मैं बाएं ही चलता हूँ!
मैं तो खोज में रहता हूँ सत्य के हमेशा ही,
जिस चोगे में सच मिले, उसमें ही ढलता हूँ!