मुझको भुलाए है
मुझको भुलाए है
दिल में क्यों मेरे आप समाये है,
ख्वाब आंखों क्यो आप दिखाये है...
जिधर भी देखिये आप का नजारा है,
क्या बताए कैसे मैंने रैन बिताए है...
होके बेखबर आप चैन से सोते है,
रातो को जाग आँसू मैंने बहाये है...
अंजुमन में हम तन्हा नजर आते है,
दिल लगा क्या खोये क्या पाये है...
हुआ रुसवा तेरे खातिर जमाने में,
तेरे नाम लोगों ने कितना सताये है...
तड़पता है दिल आपकी नजर को,
कर लूँ दीदार पलके हम बिछाए है...
हसीन जलवा नजरों हटता ही नहीं,
आप मगर मुझको क्यो भुलाए है...
चाहा खबर न लगे प्यार जमाने को,
हंगामा शहर अब क्या छिपाए है...