मतवाली आँखे
मतवाली आँखे
तेरी इन मतवाली आँखों ने,
आज मुझे रुला दिया।
इन आँखों से ही हुई थी
मुलाकात-ए-मोहब्बत।
क्या पता था ये तेरी कातिल आँखें
मेरा कत्ल कर देंगी
इन्ही आँखों ने मुझे आज सुला दिया।
अब भी क़ायल हूँ
तेरी कातिल सी नज़रों का।
मैं मारने के बाद भी तुझे देखता हूं।
तू अब भी उन्हीं कातिल
आँखों से देखती है।
वो कसमे वो वादें
क्यूँ तूने सब भुला दिया
तेरी इन मतवाली आँखों ने,
आज मुझे रुला दिया।
बेवफ़ाई भी मुझे मंज़ूर थी
पता मुझे तू बाँहों में मेरी होती।
पर नज़रें तेरी कहीं दूर थी।
मैं प्यार तुझसे करके शक
तुझ पर कर ना सका।
क्योंकि मेरे लिए तू जरूर थी।
ज़िन्दगी की उस ज़रुरत का
तूने वो सिला दिया।
कि तेरी इन मतवाली आँखों ने
आज मुझे रुला दिया।