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LOKESH PAL

Others

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LOKESH PAL

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कलंकित राजनीती

कलंकित राजनीती

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कुछ कहना तो नहीं चाहता था पर पता नही क्यों,

अंदर आग सी भड़कती रहती है हर समय।

खैर छोड़िये,

मै ये कहना चाहता हूँ कि यार क्या बवाल हो रहा है?

या कोई सवाल हो रहा है

हमारे आसपास हमारे देश में?

और साला कानून सो रहा है

या फिर अपाहिज़ हो गया है। 

कोई काम नहीं सिर्फ बकवास

होती घुटन सी,धीमी हो चली मेरे देश की सांस,

साले गुंडे देश चला रहे हैं ।

आजकल के पढ़े लिखे लौंडे बेरोजगार होकर अपने आप से लड़ रहे हैं।

नशे के साथ यारी बढ़ा रहे हैं

बाबु लोग बैठ कर सिर्फ खा रहे हैं

कोई किसी को कुछ नही कह रहा

हर कोई बस राम धुन मे बह रहा

कुछ वहशी दरिंदे खुले आम अपनी हवस मिटा रहे हैं

ऊपर वाला भी सब देख रहा है

पर क्या करे, वो अपना ईमान भी तो बेच रहा है।

मुझे लगता है सारी जनता भी गुलाम है

बस करती अपनों का गुण गान है

साला कुछ समझ नही आता बस

सोचता हूं क्या हो रहा है?

कोई बवाल हो रहा है या कोई सवाल हो रहा है?

यूँ ही सड़को पर घूमता जैसे हूँ पागल मैं

कुछ कहना तो नही चाहता था पर पता नही क्या,

अंदर आग सी भड़कती रहती है हर समय।

जागो मेरे देश के वासियों जागो

मेरा हक़ है मेरा वतन,

बस इस वतन के लिए भागो।

क्यू ज़िन्दगी से लड़ लड़ कर मर रहे हो

अपनी आंखें खोलो,अपने देश के लिए कुछ बोलो।

सिर्फ बोलना ही सबकुछ वहीं,

आगे आओ देशवासी होने की ज़िम्मेदारी निभाओ।



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