मस्तानी हवा
मस्तानी हवा
ए हवा मैं भी आज तेरे साथ बहने आई हूं
तेरे साथ इधर से उधर विचरने आई हूं
तेरे साथ मैं भी अपना नाम इन वादियों में गुंजाने आई हूं
ए हवा मैं भी आज तेरे साथ उड़ने आई हूं
तू भी इन बेजान शाख के पत्तों पर
सरसराहट करती चलती है
मैं भी अपने कदमों से सूखे पत्तों पर
सरसराहट करने आई हूं
ए हवा मैं भी आज तेरे साथ बहने आई हूं
आज तुझे मैं अपने पीछे दौड़ाने आई हूं
जब तू चलती है तो ठहरी नदी में
भी हलचल मचा देती है
मैं उस ठहरे पानी में अपना अक्स बनते
और बिगड़ते देखने आई हूं
ए हवा मैं तेरे साथ अठखेलियां करने आई हूं
ए हवा आज मैं भी तेरे साथ बहने आई हूं।
