दुख में यह बहता है अविरल, ख़ुशियों में इसे छलकने दो दुख में यह बहता है अविरल, ख़ुशियों में इसे छलकने दो
नदी को बहने दो नदी को बहने दो
बेची किताबें तब रोटी लाया, पर छोटी को नहीं दूध मिला। बेची किताबें तब रोटी लाया, पर छोटी को नहीं दूध मिला।
अपने जीवन का अक्षर बन खुद मुझको वाक्य बनाने दो अपने जीवन का अक्षर बन खुद मुझको वाक्य बनाने दो
बस आंखें बंद करके उड़ जाना चाहती सारी झंझटों से दूर। बस आंखें बंद करके उड़ जाना चाहती सारी झंझटों से दूर।