मृत्यु जीवन का एक हिस्सा है
मृत्यु जीवन का एक हिस्सा है
ये ज़िन्दगी हर पल यहां एक किस्सा है,
मृत्यु तो हमारे जीवन का एक हिस्सा है,
जिसने जन्म लिया उसे यहां से जाना है,
हर किसी को इस सच्चाई से गुज़रना है,
लम्हा-लम्हा होता यहां सांसों का हिसाब,
अमर नहीं होती ज़िंदगी की कोई किताब,
पर ज़िन्दगी की इस सच्चाई से क्या डरना,
डरकर जीना तो है मौत से पहले ही मरना,
मृत्यु से जो प्राणी विचलित होकर जीता है,
वो अपने जीवन का आनंद नहीं ले पाता है,
मृत्यु इस छोर से उस छोर तक एक रेखा है,
जीना छोड़ कर क्यों करता लेखा-जोखा है,
हर किसी का जन्म किसी उद्देश्य से होता है,
और मृत्यु के बाद कर्म ही तो साथ में जाता है,
इसलिए जन्म के साथ मृत्यु भी स्वीकार करो,
मृत्यु से पहले इस जीवन का उद्देश्य पूर्ण करो,
जब वक्त आता हर मजबूत डोरी टूट जाती है,
जन्म मरण के इस बन्धन से मुक्त हो जाती है,
जब तक सांसों की डोर ख़्वाब सुनहरे बुन लो,
जाना सबको है एक दिन जाने से पहले जी लो,
जीवन का ये सत्य मार्ग है मृत्यु से मिलने जाना,
धन-दौलत छूट जाएगा नेकी को है साथ चलना,
अच्छे कर्मों और अच्छे विचारों से जी लो जीवन,
तभी तो सार्थक हो पाएगा मनुष्य का यह जन्म।