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Sumit Mandhana

Tragedy

4.5  

Sumit Mandhana

Tragedy

" मर्द का दर्द "

" मर्द का दर्द "

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कहने को तो मर्द ताकतवर होता है,

पर उससे बड़ा कमजोर कोई नहीं होता है,

कानून भी बने हैं नारी की सुरक्षा के लिए,

मर्दों की कोई सुनने वाला कहाँ होता है?


जीवन भर जिस परिवार के लिए कमाता है,

जोड़कर जमा पूंजी अपनी आशियाना बनाता है,

उसके धन को देती है कानून स्त्री धन का दर्जा,

उसके हिस्से में सिर्फ सन्नाटा आता है।


मर्द के दर्द को सिर्फ मर्द ही जानता है,

है कोई जो इन्हें इंसाफ दिला सकता है,

या पुरुषों को घुट घुट कर पड़ेगा जीना,

ये सोच सोच कर मेरा मन घबराता है।



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