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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance Tragedy

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance Tragedy

मोहब्बत उसे भी थी

मोहब्बत उसे भी थी

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मोहब्बत उसे भी थी हमसे किसी ज़माने में

थी हमारी ज़ीस्त उसके बाइस किसी ज़माने में


टूट गई है इश्क़ के मोतियों की माला पल भर में

उम्र गुज़र गई आहिस्ता-आहिस्ता उसको भुलाने में


सोच कर नहीं किया जाता इश्क़ फिर मलाल कैसा

उलझ गए हैं दिल के ज़ज्बात खुद को समझाने में


नाम बदल दिया उसने अपने ही वजूद-ए-रूह का

सामने आया मगर हम नाकाम रहे पहचान पाने में


ख्वाहिश है हमारी कुछ पल और ठहर जाए ‘वेद’

क्या पता मिल ही जाए वो किसी और मयखाने में।


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