मोहब्बत की नफ़रत
मोहब्बत की नफ़रत


मोहब्बत की नफ़रत
अपनी समझ से बड़ी दूर है
उसे मुझसे इश्क़ हैं,
या वो मजबूर है
इसमें मेरा कसूर है
या ख़ुदा का दस्तूर है
जन्नत कि वो नूर है
या कोई कोहिनूर है
उसे भी मुझसे
इश्क़ ज़रूर है
मोहब्बत कि नफ़रत
अपनी समझ से बड़ी दूर है!