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Sandeep Kumar

Tragedy Others

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Sandeep Kumar

Tragedy Others

मोहब्बत है वतन से,सच मेंया...

मोहब्बत है वतन से,सच मेंया...

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मोहब्बत है वतन से, सच में

या झुठा दावा करते हो 

शहर दर शहर धुआं धुआं कर

वतन प्रेम का दिखावा करते हो।।


बात समझ में आती नहीं

या ना समझ का दिखावा करते हो

नव चैतन्य नव युवा को

षड्यंत्रों से गुमराह करते हो

देश के दौलत को आग के हवाले कर

कहीं किसी औरों से पूरा वादा करते हो

मोहब्बत है वतन से........


तोड़फोड़ खून खराबा कर

कितने को रुलाते तड़पाते हो

आंदोलन जोरदार शानदार हो

किसी को भी उठा ले आते हो

मधुर-मधुर वाणी से

किसी को भी फंसाते हो

मोहब्बत है वतन से........



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