"मोबाइल"
"मोबाइल"
यह आजकल के दौर में मोबाइल
छीन रहा है, बचपन की स्माइल
इस स्माइल प्रोग्राम के नाम पर
मानसिक रूप से हो रहे है, घायल
इस ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर
दे रहे, बारूद से भरी हुई मिसाइल
यह आजकल के दौर में मोबाइल
छीन रहा है, बचपन की स्माइल
संस्कार लील गया यह मोबाइल
देशी खेल खा गया यह मोबाइल
क्या कहूँ, लूट गया ऐसे साहिल
दरिया बीच जैसे कोई साइकिल
कोरोना युग में, बढ़ी संख्या मोबाइल
ऑनलाइन पढ़ाई नाम की स्माइल
गांवों के बच्चों का भी जला गई दिल
बुरे विचारों से मर रहे, वो तिल-तिल
अब नहीं वे बच्चे रातों को सोते है
उनके माता-पिता दहाड़ मार रोते है
यह मोबाइल, हो रहा बेरहम, कातिल
इससे बच्चे बनते जा रहे है,ज़ाहिल
इस मोबाइल से कैसे होगी पढ़ाई
शबनम जल रही शोलों से तिल-तिल
यह बच्चों को बना रहा है, बुजदिल
मोबाइल को दूर फेंको, सब ही मिल
तकनीक के नाम पर, यह मोबाइल
लूट रहा, हमारी बेशकीमती अनिल
पर उन बच्चों को मिल जाती, मंजिल
जो मोबाइल का सही काम लेते नित।।