Anjali Srivastav
Tragedy
सच्ची-सच्ची बात बताकर
वो झूठी बातें बोल गए।
भावों के मेरे ऊँचा कद को
वो आसानी से तोल गए।
उन दिनों जिनसे मिलकर
सकारात्मक ऊर्जा मिलती थी।
अब वो दिखाकर तजूर्बें चालाकी के
बूँद - बूँद शहद सा घोल, घोल गए।
हिंदी से हो स...
भारत की बेटी
तेरी मेरी कहा...
नशामुक्ति
कोरोना
फ़साने
माँ का हिसाब
पुजारन बनना च...
अपनों के दिल
बसंत
सीख गया है चुप रहना वो भी अब, तुम परेशान थी जिसके ज़्यादा बोलने से। सीख गया है चुप रहना वो भी अब, तुम परेशान थी जिसके ज़्यादा बोलने से।
वक़्त लगेगा तुम्हे जानवर से इन्सान बनने में, मन्दिर मस्जिद के झगड़े से भगवान् बनने में वक़्त लगेगा तुम्हे जानवर से इन्सान बनने में, मन्दिर मस्जिद के झगड़े से भगवान्...
संकट अधर्म सा छाया है। पाखंड घोर गहराया है ॥ संकट अधर्म सा छाया है। पाखंड घोर गहराया है ॥
आने वाला कल लेकर आता है हजारों सपने , उम्मीदें , विचार। आने वाला कल लेकर आता है हजारों सपने , उम्मीदें , विचार।
अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में। क्योंकि हम हैं, ही ऐसे दिल खोलकर बोलने वाले में। अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में। क्योंकि हम हैं, ही ऐसे दिल खोलकर बोलने वाल...
जो कश्मीर में किसी बंदूक का शिकार हो गया...। जो कश्मीर में किसी बंदूक का शिकार हो गया...।
मुझे वो हर एहसास लिखना है जो अंदर से काटता है मुझे । मुझे वो हर एहसास लिखना है जो अंदर से काटता है मुझे ।
कहने को तो मुट्ठीभर ही, रिश्ते थे दामन में पर कहाँ दुनियादारी के ये, कायदे संभलते हैं। कहने को तो मुट्ठीभर ही, रिश्ते थे दामन में पर कहाँ दुनियादारी के ये, कायदे सं...
सफल जीवन का सफलता दीदार करने जागृति ज़न ज़न में कोरोना पर प्रहार करने। सफल जीवन का सफलता दीदार करने जागृति ज़न ज़न में कोरोना पर प्रहार करने।
इस अपवित्रता से ही वो माँ बनती है इस अपवित्रता से ही वो माँ बनती है
कहाँ से लाऊँ वो हंसी मैं, जिसके गूंजते ही जी उठता था घर मेरा.. कहाँ से लाऊँ वो हंसी मैं, जिसके गूंजते ही जी उठता था घर मेरा..
तब सलाह - सुझाव के साथ - साथ हर कदम पर पापा का साथ देना याद आता है, तब सलाह - सुझाव के साथ - साथ हर कदम पर पापा का साथ देना याद आता है,
इंतजार में इक नए उजास की, क्षण-क्षण टूटता, बिखरता मन। इंतजार में इक नए उजास की, क्षण-क्षण टूटता, बिखरता मन।
आपकी वीरता को याद कर-कर सदा आगे बढ़ता रहेगा हिंदुस्तान आपकी वीरता को याद कर-कर सदा आगे बढ़ता रहेगा हिंदुस्तान
चल अब यहां से आगे को निकलते हैं उस ओर हम सा कोई अकेला दिखता है। चल अब यहां से आगे को निकलते हैं उस ओर हम सा कोई अकेला दिखता है।
असन्तोष और बगावत का फर्क न समझ सके तो क्या दोष सैलाब का। असन्तोष और बगावत का फर्क न समझ सके तो क्या दोष सैलाब का।
मुंह पर ताला लगा लो खुद भी सुखी रहोगी और परिवार भी संतुष्ट रहेगा। मुंह पर ताला लगा लो खुद भी सुखी रहोगी और परिवार भी संतुष्ट रहेगा।
बड़ा दयनीय जीव है मानव! क्रूर नहीं वह तो एकदम भोला है ! बड़ा दयनीय जीव है मानव! क्रूर नहीं वह तो एकदम भोला है !
फिर न मुकरेंगे वादे से हम आदतन उसने वादा किया फिर मुकरते हुए. फिर न मुकरेंगे वादे से हम आदतन उसने वादा किया फिर मुकरते हुए.
हाल तो उसका कोई क्या पूछता हिकारत भरी नजर और कुछ कटु शब्द हाल तो उसका कोई क्या पूछता हिकारत भरी नजर और कुछ कटु शब्द