भारत की बेटी
भारत की बेटी
जो ज़ुल्म सहे अब तक मैंने, इक दृश्य चित्र दिखलाती हूँ,
भारत माँ की बेटी हूँ मैं, भारत की कथा सुनाती हूँ।
मीरा पन्ना रजिया लक्ष्मी जैसी विदुषी के गीत कहूँ,
लव कुश को जनकर सीता सी अनुपम नारी की प्रीत कहूँ।
द्रुपद सुता की लुटी लाज का वर्णन लिखकर गाती हूँ
भारत माँ की बेटी...
दुर्गा अवतार बनी रण में दुश्मन को धूल चटाई है,
निज गौरव की ख़ातिर इसने कर में तलवार उठाई है।
नारी का हर इक रूप देविका सा है ये बतलाती हूँ
भारत माँ की बेटी..
जनकर आज़ाद भगतसिंह को,माताएं बड़ी महान हुईं,
कंगन चूड़ी तोड़ी अपनी,मां भारती पर कुर्बान हुईं।
ऐसी इक इक नारी पर मैं शब्दों के फूल चढ़ाती हूँ
भारत मां की बेटी...