हिंदी से हो सबको अभिमान
हिंदी से हो सबको अभिमान
प्यारी प्यारी अद्भुत सी है अपनी भाषा हिंदी
सबको भाए गले लगाए
जन जन में उत्सव फैलाए
शांति एकता का परिचय देती
है अद्भुत परिभाषा हिंदी
मान सम्मान उर में उपजाए
है इससे ही सबकी आशाए
रीत प्रीत की डोर लिए
सबको अपनी ओर किए
मानवता का नित नव पाठ पढ़ाए
क्या लिखूं शब्दों से हिंदी की गाथा
सरल सहज गंगा सी है पावन भाषा
संस्कार सत्कार से जोड़े
समय से न ये मुख मोड़
सच कह दूं तो हिंदी ही है
भारत की माता
जन गण मन गण से है ये सुशोभित
हम सबकी है ये भाग्य विधाता
कतरा कतरा करूं हवाले
चाहे हमको कोई हलाले
दूर न जाऊं इसकी सौंधी खुशबू से
जो अब मुझको खुद में समा ले
नव पीढ़ी में भी रम जाए हिंदी
बच्चो में क से क्रांति जगाए हिंदी
सत्य सनातन धर्म का अपने
अक्षर अक्षर घुल जाए हिंदी
हिंदी से जीवन फिर बने महान
बने विचार सब सुंदर सुंदर
पाकर रोजगार हिंदी से ही करले
दिल से फिर सब अभिमान
बढ़े देश भारत की शान
बढ़े देश भारत की शान..!!