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VEENU AHUJA

Classics

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VEENU AHUJA

Classics

मन करता है

मन करता है

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दो शब्द लिखने का मन करता है,

हृदय मे छिपी उदगारो को व्यक्त करने का मन करता है,

मन में छिपी कामनाओं को कहने का मन करता है,

सूनी , दीन , ऑखों के पीछे सुलगते अंगारो से धूर्तो को जलाने का मन करता है,

विरान होठों की कंपकंपाहट को दिखाने का मन करता है,

महीनो से समायी आँखों की बाढ़ को बहाने का मन करता है


सबकुछ भस्म करने को मन करता है , 

क्या कहू ?

दो शब्द लिखने को मन करता है,

उठाती हूँ,कलम,

उठती नहीं , छूट जाती है हाथों से,

जिन्दगी बिखर जाती है, बातों की स्याही से ,

दो शब्द लिखने को मन करता है


पर, केवल लिखने का प्रयास भर कर पाती, यथार्थ को सह नहीं पाती, झूठ को छिपा नहीं पाती इसीलिए

शायद दो शब्द लिख नहीं पाती।


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