मन की व्यथा
मन की व्यथा

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ना चाँद दिखता है,
ना तारे दिखते है
अब तो बस आँखों से
आँसू ही झलकते है ।
ना चाँद दिखता है,
ना तारे दिखते है
अब तो बस आँखों से
आँसू ही झलकते है ।