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Pratibha Bhatt

Abstract Inspirational

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Pratibha Bhatt

Abstract Inspirational

मन की पवन चक्की

मन की पवन चक्की

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जीवन में बहुत से दौर

ऐसे आते है जब

उम्मीदें टूटने लगती है

और निराशा

छाने लगती है

तब कोई अदृश्य

आलौकिक सी 

शक्ति पवन चक्की

की तरह ऊर्जा में

परिवर्तित होकर

बन जाती है

 रीते मन की

पवन चक्की

हौले- हौले

 मंद- मंद

मुस्काती है

तो कभी

सिर पर हाथ फेर

चली जाती है

जीवन की धूप

 हो या छांव

या कोई पथरीली 

 ककरीली डगर

वो पहुंचने देती है

शीतलता मन के

हर कोने- कोने तक

आशा की हवा 

यूं छूकर चली जाती है

करीने से नहीं खोती

फिर कोई उम्मीद

और चलती रहती है

मन की पवन चक्की



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