मन का रिश्ता
मन का रिश्ता
सभी से औपचारिक परिचय
कराने की कतार में अनायास ही एक चेहरे पर
नज़र जाकर भी रुक जाती थी
जोकि मेरे लिए वो किसी भी
परिचय का मोहताज नहीं था
परन्तु बाकी सब के लिए कौतुहल
का विषय बना हुआ था तभी पीछे से
एक आवाज आई
इनका परिचय
मैं थोड़ा चौकीं, झिझकी, ठिठकी
फिर बोली
इनका परिचय..
इनका..
इनसे.. मन का रिश्ता है.