मकान
मकान
चार दिवारें ही तो थी
उस मकान में
जिसें तूने घर बना दिया
बच्चों को बड़ा किया
इंसा बना दिया
मैं तो बस एक निमित्त था
तुझे सहारा दिया
हिम्मत तो तूने दिखाई,
तू क्या आई
रौनक आ गई
उस मकान में।
चार दिवारें ही तो थी
उस मकान में
जिसें तूने घर बना दिया
बच्चों को बड़ा किया
इंसा बना दिया
मैं तो बस एक निमित्त था
तुझे सहारा दिया
हिम्मत तो तूने दिखाई,
तू क्या आई
रौनक आ गई
उस मकान में।