मजबूरी
मजबूरी
मेरी मजबूरी
को नहीं समझा
किसी ने कभी,
सभी ने उसका
फायदा ही उठाया।
मैनें जिस जिस
पर भरोसा किया
हर किसी ने मेरे
भरोसे को तोड़ा
ही नहीं उसे
चकनाचूर किया,
जिसे कभी जोड़ा ही
नहीं जा सकता।
मेरी कमजोरी
का फायदा उठाया,
मेरी कमजोरी
के पैरों तलों
मुझे रौंद दिया गया
जिसे कोई उठा नहीं
सकता।