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ARVIND KUMAR SINGH

Abstract

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ARVIND KUMAR SINGH

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मिर्चं मसाला

मिर्चं मसाला

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नमक मिर्च से बना

मसाला जिसमें भी

डाला बने निराला

खाकर फिर देखो

आंख नाक से पानी

कानों मे चलती रेल।


वाह रे मिर्च मसाले तेरा

है अजब निराला खेल।


इधर उधर की बातों

में लगा दिया जब भी

नमक मिर्चं मसाला

अच्छे खासे रिस्तों में

पड़ी दरार देखो कैसी

कैसे चौपट हुआ मेल।


वाह रे मिर्च मसाले तेरा

है अजब निराला खेल।


झूठी सच्ची कहानी

मे नमक मिर्चं मसाला

लगाकर अफवाह जो

फैलाई तो लोगों की

भारी भीड़ मे भगदड़

और मची रेलमपेल।


वाह रे मिर्च मसाले तेरा

है अजब निराला खेल।


इसकी चुगली उसकी

चुगली का मजा नहीं

जब तक न मिल जाये

नमक मिर्चं मसाला

बना के दुश्मन उनको

बैठे दूर से देखें खेल।


वाह रे मिर्च मसाले तेरा

है अजब निराला खेल।


राजनीतिक गतिविधियों

में नमक मिर्चं मसाले का

अब देखो अहम किरदार

बढ़ा चढ़ा सुविधाओं का

कर कर के खूब बखान

दलगत नीति हुई बेजोड़।


वाह रे मिर्च मसाले तेरा

है अजब निराला खेल।


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