Dr. Diptiranjan Behera
Classics
मैं एक फूल हूँ
हवा में खिलता रहता हूँ।
बिखर के भी धरती से
मिलता रहता हूँ।
हुनर
खयाल
आसा
माँ
क्यों नहीं
मिलता रहता हू...
बिन कहे
बदलो भेस
दूसरों की खुशी का कारण तुम बनो खुशी में ही संतोष हैं। दूसरों की खुशी का कारण तुम बनो खुशी में ही संतोष हैं।
कर्मों से ही तय होगी इसमें, सुख और दुख की मात्रा। कर्मों से ही तय होगी इसमें, सुख और दुख की मात्रा।
खुशी खुशी, लेकर ठुमके,करेंगी नृत्य उमंग में। देख हवा की दिशा, रुख,उड़े ख़ुशी की तरंग में। खुशी खुशी, लेकर ठुमके,करेंगी नृत्य उमंग में। देख हवा की दिशा, रुख,उड़े ख़ुशी की...
तेरे यहां सब अधुरा क्यों, खुशियां भी और जिन्दगी भी इतनी तन्हा क्यों।। तेरे यहां सब अधुरा क्यों, खुशियां भी और जिन्दगी भी इतनी तन्हा क्यों।।
खुद को अभिव्यक्त कर सको! एक सीमित दायरे के अंदर असीमित स्वतंत्रता। खुद को अभिव्यक्त कर सको! एक सीमित दायरे के अंदर असीमित स्वतंत्रता।
ये अंधेरा क्या चीज ? अज्ञान का पर्याय है, तमसो मा ज्योतिर्गमय प्रभु एक उपाय है। ये अंधेरा क्या चीज ? अज्ञान का पर्याय है, तमसो मा ज्योतिर्गमय प्रभु एक उपाय ह...
छोड़ अपनों से मिले ना जाने कल क्या हो फिर हम मिले या ना मिले......... छोड़ अपनों से मिले ना जाने कल क्या हो फिर हम मिले या ना मिले.........
उन्ही नर्म उजालों को आज जोड़ा है हमने और नए सूरज से निखरी हैं ये प्रखर किरणें। उन्ही नर्म उजालों को आज जोड़ा है हमने और नए सूरज से निखरी हैं ये प्रखर किरणे...
अब आप बहुत लिखक़र चर्चा कर चुके... कभी तो अख़बार का कालम किसी इंसान पर लिखिए ! अब आप बहुत लिखक़र चर्चा कर चुके... कभी तो अख़बार का कालम किसी इंसान पर लिखिए !
अगर आपके साथ एक शाम बिताना हराम है, तो कहिए, हमारे साथ टहलने चलेंगी ? अगर आपके साथ एक शाम बिताना हराम है, तो कहिए, हमारे साथ टहलने चलेंगी ?
आजाद हूँँ मैं मैं गुलाम अपने कर्म का।। आजाद हूँँ मैं मैं गुलाम अपने कर्म का।।
प्रेम से बढ़कर विश्राम हैं यहाँ, विद्यार्थी का जीवन खुशहाली से भरा हैं। प्रेम से बढ़कर विश्राम हैं यहाँ, विद्यार्थी का जीवन खुशहाली से भरा हैं।
हर क्षेत्र में जाकर तूने, क्षमता दिखा डाली, इस तरह, आज तूने खुद की दुनिया बदल डाली। हर क्षेत्र में जाकर तूने, क्षमता दिखा डाली, इस तरह, आज तूने खुद की दुनिया बद...
पर निरर्थक था वह प्रयत्न भी जो जनमानस के काम ना आए। पर निरर्थक था वह प्रयत्न भी जो जनमानस के काम ना आए।
नित नए अनुभवों का ये संसार है, ये संसार है, हाँ ये संसार है। नित नए अनुभवों का ये संसार है, ये संसार है, हाँ ये संसार है।
ज़िंदगी हवा सी बहती, अपनी धुन चलना है क्या ? ज़िंदगी हवा सी बहती, अपनी धुन चलना है क्या ?
और हमारे ही व्यक्तित्व को बिगड़ती है या संवारती है....... और हमारे ही व्यक्तित्व को बिगड़ती है या संवारती है.......
आज भी भरोसा होता नहीं मुझको, ऐसी कृपा को पाकर धन्य जो मैं हुई थी ! आज भी भरोसा होता नहीं मुझको, ऐसी कृपा को पाकर धन्य जो मैं हुई थी !
तेरे बिछड़न से जो गहरा दुख उपजा है। तू जब भी मिल जाएगी तो खुशियां लाएगा। तेरे बिछड़न से जो गहरा दुख उपजा है। तू जब भी मिल जाएगी तो खुशियां लाएगा।
ले प्रभु सहारा दिन यादों में गुजारे लिखें प्रतिलिपि में यादों के नजारे। ले प्रभु सहारा दिन यादों में गुजारे लिखें प्रतिलिपि में यादों के नजारे।