Dr. Diptiranjan Behera
Tragedy
मैं तो हवा का झोंका था
जो आके चला गया।
तुम तो लहर थी फिर भी
लौट के क्यों नहीं आयी।
हुनर
खयाल
आसा
माँ
क्यों नहीं
मिलता रहता हू...
बिन कहे
बदलो भेस
सारे जग में छा गयी, मोबाइल की क्रांति । सबसे अच्छा मित्र यह, मात्र दिमागी भ्रांति। सारे जग में छा गयी, मोबाइल की क्रांति । सबसे अच्छा मित्र यह, मात्र दिमागी भ्र...
मैं सपने में भी ये सोच ना पाऊँ, जिसमे मेरे अश्रु इस तरह बहे। मैं सपने में भी ये सोच ना पाऊँ, जिसमे मेरे अश्रु इस तरह बहे।
आपको कोई अपनी पहचान बताने पर भी नहीं पहचानता। आपको कोई अपनी पहचान बताने पर भी नहीं पहचानता।
छोड़ कर इन्हें दूर हो गए शहर की चकाचौंध में गुम हो गए। छोड़ कर इन्हें दूर हो गए शहर की चकाचौंध में गुम हो गए।
उस बात का में गम क्या करूं उस बात को याद मैं क्या करूं। उस बात का में गम क्या करूं उस बात को याद मैं क्या करूं।
अपने जख्मों को तू भीतर छिपाकर रख अपने जख्मों को तू भीतर दबाकर रख। अपने जख्मों को तू भीतर छिपाकर रख अपने जख्मों को तू भीतर दबाकर रख।
प्यार का मल्हार बरस रहा है, आग दिल की बूझा जाना, प्यार का मल्हार बरस रहा है, आग दिल की बूझा जाना,
मैंने देखा है मौत को बहुत करीब से....! मैंने देखा है मौत को बहुत करीब से....!
काश में भी बह पता लहरों की तरह निरंतर, निसंकोच, निश्चल, निर्मल, कोमल, हर पल, हर पल। काश में भी बह पता लहरों की तरह निरंतर, निसंकोच, निश्चल, निर्मल, कोमल, हर पल, ...
घर दूसरे का बसाकर मुझ को , विरह की आग में जला दिया। घर दूसरे का बसाकर मुझ को , विरह की आग में जला दिया।
एक डरावना ख़्वाब या बदसूरत सच.. एक डरावना ख़्वाब या बदसूरत सच..
मिथक आक्षेपों में गढ़े गए स्वांग से पटाक्षेप...तय है ! मिथक आक्षेपों में गढ़े गए स्वांग से पटाक्षेप...तय है !
ये जो नए नेता रोज करते हमारा तिरस्कार ,चलो आओ सब करें इसका बहिष्कार। ये जो नए नेता रोज करते हमारा तिरस्कार ,चलो आओ सब करें इसका बहिष्कार।
सारी उम्र तन चमकाने में गुजार दी मन को छोड़ तन की आरती उतार दी। सारी उम्र तन चमकाने में गुजार दी मन को छोड़ तन की आरती उतार दी।
जो गर्म रोटी के निवाले से भी चीख उठता था, वो आज खुद तवे पे हाथ जला रहा है ... जो गर्म रोटी के निवाले से भी चीख उठता था, वो आज खुद तवे पे हाथ जला रहा है ...
चलो चलें यहॉं से दूर मजबूर बच्चों को ले एक नया परिवार बनाऊंगा ! चलो चलें यहॉं से दूर मजबूर बच्चों को ले एक नया परिवार बनाऊंगा !
उतर गया नशा जादू का और रह गई मैं अकेली बिलखती। उतर गया नशा जादू का और रह गई मैं अकेली बिलखती।
कितना डरावना हुआ है मंजर, शांत हो गयी कितनी कहानी।। कितना डरावना हुआ है मंजर, शांत हो गयी कितनी कहानी।।
मैं रास्ते के एक छोर पर खड़ी दूर एक बच्चे को निहारती। मैं रास्ते के एक छोर पर खड़ी दूर एक बच्चे को निहारती।
दो वृद्धो का वैंलनटाई डे , दोनो सच्चे गहरे -मित्र थे ..। दो वृद्धो का वैंलनटाई डे , दोनो सच्चे गहरे -मित्र थे ..।