Dr. Diptiranjan Behera
Tragedy
मैं तो हवा का झोंका था
जो आके चला गया।
तुम तो लहर थी फिर भी
लौट के क्यों नहीं आयी।
हुनर
खयाल
आसा
माँ
क्यों नहीं
मिलता रहता हू...
बिन कहे
बदलो भेस
दरिंदगी की इंतहा, होने लगी है। इंसानियत भी अब, रोने लगी है। दरिंदगी की इंतहा, होने लगी है। इंसानियत भी अब, रोने लगी है।
कभी तो दूर किया होता तुमने कभी तो पास बुलाया होता तुमने कभी तो दूर किया होता तुमने कभी तो पास बुलाया होता तुमने
मेरे शब्दों की पीड़ा को समझ कर पढ़ लेना मात्र। मेरे शब्दों की पीड़ा को समझ कर पढ़ लेना मात्र।
पर तू थोड़ी हिम्मत रखना एक दिन तू सब अपनी इच्छा का पायेगा। पर तू थोड़ी हिम्मत रखना एक दिन तू सब अपनी इच्छा का पायेगा।
समझ न सके झूठे थे वादे आपके, झूठी वफ़ा ना जाना कि मतलब का तलबगार मिला था। समझ न सके झूठे थे वादे आपके, झूठी वफ़ा ना जाना कि मतलब का तलबगार मिला था।
जीवन के इस पथ पर साथ चलकर कब तुम उधर गये हम इधर गए। जीवन के इस पथ पर साथ चलकर कब तुम उधर गये हम इधर गए।
दिल का शोर कोई सुन नहीं पाता मेरी ख़ामोशी कोई पढ़ नही पाता। दिल का शोर कोई सुन नहीं पाता मेरी ख़ामोशी कोई पढ़ नही पाता।
मैं पंछी किसी और डाल की मेरी सांसें, मेरी धड़कनें, मेरी चाहतें किसी और की अमानत हैं मैं पंछी किसी और डाल की मेरी सांसें, मेरी धड़कनें, मेरी चाहतें किसी और की ...
न होगा तुमको कोई मलाल, मेरे जाने का मैं हूँ मोहब्बत में बेकदर, कद्र से तेरे। न होगा तुमको कोई मलाल, मेरे जाने का मैं हूँ मोहब्बत में बेकदर, कद्र से तेरे।
तुम भी आ जाती, आज बिन बताए चुपके से धीरे धीरे बिन बुलाए तुम भी आ जाती, आज बिन बताए चुपके से धीरे धीरे बिन बुलाए
बेटी क्या संतान नहीं….? बेटी क्या संतान नहीं….?
जिसे नवयौवना भाग कर सीने से लगाती और अकेले में आंखों से आंसू बहाती! जिसे नवयौवना भाग कर सीने से लगाती और अकेले में आंखों से आंसू बहाती!
10वीं में अच्छे मार्क्स ना ला पाया, तो बेल्ट से उन्होंने मुझको मारा। 10वीं में अच्छे मार्क्स ना ला पाया, तो बेल्ट से उन्होंने मुझको मारा।
लुप्त हो गई वह कली जो थी फली अगणित अरमानों के संग भरी थी जननी के ख्वाबों के रंग लुप्त हो गई वह कली जो थी फली अगणित अरमानों के संग भरी थी जननी के ख्वाब...
मगर तुम्हें ज़माने खड़े करने है शोहरत के मकामो पर। मगर तुम्हें ज़माने खड़े करने है शोहरत के मकामो पर।
देख मुझको कफ़न में, क्या आओगे तुम। आंसू मेरी मौत पर, क्या बहाओगे तुम। देख मुझको कफ़न में, क्या आओगे तुम। आंसू मेरी मौत पर, क्या बहाओगे तुम।
हमने सोचा था शायद सुकून मिल सके, इक ख्वाहिश थी जो दिल में पलती रही! हमने सोचा था शायद सुकून मिल सके, इक ख्वाहिश थी जो दिल में पलती रही!
सचमुच कितना करते हैं मां पिता, और क्या करते हैं ये बच्चे, सचमुच कितना करते हैं मां पिता, और क्या करते हैं ये बच्चे,
तुम जागो अथवा ना जागो, मेरा काम तो जगाना है।। तुम जागो अथवा ना जागो, मेरा काम तो जगाना है।।
मेरे भीतर एक टीस सी है और उन्हीं मचलती लहरों के शोर मेरे भीतर मेरे भीतर एक टीस सी है और उन्हीं मचलती लहरों के शोर मेरे भीतर