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Dr. Diptiranjan Behera

Tragedy Fantasy

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Dr. Diptiranjan Behera

Tragedy Fantasy

खयाल

खयाल

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कुछ लिखने के खयाल आया तो तुम याद आये 

तुम याद आये तो बस तुम्हीं याद आये। 

ये तो बस बहाने ही था तुम्हे याद करने का

हम भूले कब थे जो अब याद आये। 

सारे बहाने भी कम है यादों के आगे 

बताओ भुलाऊँगा तो भुलाऊँगा कैसे।


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