STORYMIRROR

Gulab Jain

Romance

2  

Gulab Jain

Romance

मिलन का वक़्त

मिलन का वक़्त

1 min
182

उनके आने के इंतज़ार में,

वक़्त है कि ठहर जाता है।


बात लब तक ही रुकी रहती है,

वस्ल का वक़्त गुज़र जाता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance