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AVINASH KUMAR

Romance

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AVINASH KUMAR

Romance

मिल जाओ हर जन्म में

मिल जाओ हर जन्म में

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पद्म नयन मादक अधर,

छूते केश नितम्ब 

अनुपम रूप सुलक्षणी, 

कद काठी से लम्ब,


कोमलांगना हंसनी, 

तेरा रूप अनूप 

अधर तुम्हारे रसभरे,

चमके शबनम धूप,


काजल करधन आलता,

माँग सजा सिंदूर

पायल बिंदी चूड़ियाँ, 

लगे रूप से हूर ,


जब-जब मुस्काये अधर,

अनुपम लगे अपार

श्वेत धवल दंतावली , 

चमके मुक्ताहार ,


नयन तुम्हारे बाण-से,

नागिन -जैसे केश

लगे अप्सरा स्वर्ग की,

मनहर तेरा भेष,


नैन तुम्हारे दोहरे ,

अधर तुम्हारे गीत 

नैन अधर जब हो निकट,

मधुर मिलन मनमीत


कमल नयन गजगामिनी,

लगती परी समान

केश घटा काले सघन,

मदिर मधुर मुस्कान,


कजरारे तेरे नयन, 

मदन बाण संधान

उर मेरा पुलकित हुआ,

प्रणय काम उत्थान,


नर्म रेशमी बाल हैं,

आँखें गहरी झील 

लगे अप्सरा स्वर्ग की, 

रूप रंग से शील..!!


सुंदर सा व्यवहार तेरा

वंदना करता अवि

मिल जाओ हर जन्म में

राह तकता सिर्फ तेरी


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