उन्हें हिंदी से मिलता, हो प्रथम ज्ञान उन्हें हिंदी से मिलता, हो प्रथम ज्ञान
बाबो बणीयो बनणो आज, ढोल नगाड़ा गाजा बाजा, बाबो बणीयो बनणो आज, ढोल नगाड़ा गाजा बाजा,
चाँद छिपने को चला है, छिप गये तारे, सूरज की आगोश में तम सो गया है। चाँद छिपने को चला है, छिप गये तारे, सूरज की आगोश में तम सो गया है।
जब-जब मुस्काये अधर, अनुपम लगे अपार श्वेत धवल दंतावली , चमके मुक्ताहार , जब-जब मुस्काये अधर, अनुपम लगे अपार श्वेत धवल दंतावली , चमके मुक्ताहार ...
सावन की बरसे बदरिया माँ की भीगे चुनरिया। सावन की बरसे बदरिया माँ की भीगे चुनरिया।