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माथे कि बिंदीया चम चम चमके मिल चौहान झील माँ ज्ञान रात सावन की बरसे बदरिया मॉ की भीगे सूट प्रथम तलवार जन्म सुबह मित्र मायाजाल परिहार हिंदी चमकना हिन्दीकविता व्यवहार

Hindi चमके Poems