"महंगाई"
"महंगाई"
अब तो सही न जायें रे,
इतनी बढ़ गई महंगाई।
कीमतें, आसमान चूम रई,
जोत्ते अब छोटी सी रह गई।
का पहने,का खायें रे,
इतनी बढ़ गई महंगाई।
अब तो सही न जायें रे,
इतनी------
पेट्रोल, डीजल महंगों हो गओं,
पानी जा साल धोखों दे गओं।
ऊपर से लग गओं तुषार रे,
इतनी बढ़ गई महंगाई।
अब तो सही न जायें रे,
इतनी------
घी शक्कर सब महंगे हो गयें,
बिआओ, बरातें दूभर हो गयें।
कैसे,बेटा-बेटी वा बिहाय रे,
इतनी बढ़ गई महंगाई।
अब तो सही न जायें,
इतनी --------
