महान देश ! ( देशभक्ति )
महान देश ! ( देशभक्ति )
इस महान देश के महान छंद को सुनो,
सप्तसिंधु में प्रधान,युग प्रबंध को सुनो।
अंग अंग गिरि अनंत,
सरिता सागर दिगंत।
सजला सुफला धरा,
हरिताम्बर मेंड बंध।
षटऋतु के चार द्वार,खंड खंड को सुनो।
सप्तसिंधु में .......
पारावार द्यू वितान,
सौम्य प्रकृति सामगान।
देव दनुज भव निधान,
सचराचर कीर्तिमान।।
अधमाधम का विनाश, कालदंड को सुनो।
सप्तसिंधु ...
आदि अंत विश्व वन्द्य,
भव त्यागी भूरि संत।
अति पवित्र श्रेष्ठ ग्रन्थ,
प्रथम पुरुष,प्रथम कंत।।
रश्मि रथी राका पति युति प्रचंड को सुनो।
सप्तसिंधु.....
पीताम्बर दिग अम्बर,
चक्र्शूल बाघम्बर।
गणपति धी विद्याधर,
प्राणशक्ति काल प्रखर।।
भसुर संस्कृति प्रमाण, प्राण अखंड को सुनो।।
सप्तसिंधु में प्रधान, युग प्रबंध को सुनो।।