तेरी जद में
तेरी जद में
एक दिन तेरी जद में पूरा आसमान होगा
एक दिन तेरी जद में पूरा ही जहान होगा
चलना होगा बस तुझे लगातार पथ पर,
एक दिन तेरी जद में ये सूरज-चाँद होगा
तू उड़ता चल अपने हौसले से साखी,
एक दिन तेरे कर्मों से पत्थर पे निशान होगा
एक दिन तेरी जद में पूरा आसमान होगा
अच्छे कर्मों से तू महकता गुलिस्तान होगा
तेरे जीवन में होगा वही जो तू चाहेगा,
लगन से तू एक उड़ता हुआ विमान होगा
तेरी ज्योति से ही एक दिन दीप दान होगा
हर आईना, हर सूरत तेरी पहचान होगा
एक दिन तेरी जद में पूरा आसमान होगा
हिमालय सी हिम्मत से ऊंचा इंसान होगा
हर महफ़िल, हर जगह पे तेरी तस्वीर होगी,
एक दिन श्रम से तू ऊंचा खानदान होगा
तेरी जद में हर चमकता रोशनदान होगा
नेकी से तू खुदा का प्यारा रहमान होगा
एक दिन तेरी जद में पूरा आसमान होगा
अपने दृढ़ संकल्प से तू सच्चा इंसान होगा
हर जगह पे सत्य की बरसात करने से,
रेगिस्तान में भी तू खिलता परिस्तान होगा