बार बार मत झुकना तुम
बार बार मत झुकना तुम
जीवन के इस महासमर में सदैव डटकर रहना तुम
चाहे टूट ही जाना लेकिन बार-बार मत झुकना तुम।
हर समय तुमको लोग परखेंगे
तुम्हारे हर एक शब्द और
व्यवहार को नजरों से ही तोलेंगे।
मगर इस सब से परेशान मत होना तुम,
लोगों की बातों को नजरअंदाज करना सीख लेना तुम,
अपने कदमों को आगे की ओर ही बढ़ाते जाना तुम।