२ अक्टूबर गाँधी जयंती कविता
२ अक्टूबर गाँधी जयंती कविता
२ अक्टूबर दिन हैं, खास
जन्मे थे इस दिन मोहनदास,
बनाया था, इन्होंने इक इतिहास,
इसलिए तो मनाते हैं हम, गाँधी जयंती आज,
तन पर कपड़ा खादी,
लिए हाथ में लाठी,
थे जो अहिंसावादी,
कहलाते थे वो महात्मा गाँधी,
राष्ट्रपिता वो कहलाते थे,
प्यार से "बापू" उन्हें बुलाते थे,
वीरों के वीर पुरुष वह कहलाते थे,
सत्य और अहिंसा, थे उनके दो हथियार,
सादा जीवन, थे उनके उच्च विचार,
दिल में लिए थे सारा हिन्दुस्तान,
महात्मा गाँधी तुम थे, भारत की पहचान,
जात-पात का भेद मिटाया,
प्रेम भाव का दीप जलाया,
सत्य, अहिंसा को अपनाया,
सत्य मार्ग पर चलना सिखाया,
अहिंसा की नीति अपनाकर, भारत को आजाद करवाया,
बिना हथियार लड़ कर जिसने,
बिना हथियार लड़ कर जिसने,
अंग्रेजो को था हराया,
भारत के इतिहास में रोशन है, आज भी इक तारा,
गाँधी तेरी कुर्बानी को
गाँधी तेरी कुर्बानी को
करता हैं याद आज भी जहां सारा
वन्दे मातरम्