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उसकी धड़कन तेज़ हो जाती है वह अपना मोबाइल उठाती हैं और वहां 8 बज रहे थे। उसकी धड़कन तेज़ हो जाती है वह अपना मोबाइल उठाती हैं और वहां 8 बज रहे थे।
वहीं स्वार्थ अपनी काया की माया संग भागता रहता है और असंतोष का मृदंग लिए। वहीं स्वार्थ अपनी काया की माया संग भागता रहता है और असंतोष का मृदंग लिए।
जलते लकड़ियों की तान,आज भी कान में गुनगनाते है लेकिन महज़ यादों में। जलते लकड़ियों की तान,आज भी कान में गुनगनाते है लेकिन महज़ यादों में।