Puja Guru
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कुछ चीज़े दूर से ही सुहानी लगती हैं.. जैसे की - ऊंची पहाड़ी... बर्फ़बारी, जंगल....दंगल, कचहरी....नौकरी..., छोटा बच्चा ...राह सच्चा...। - puja

क्या जमाना है... आज ना लोग दुःख बांट पाते हैं... ना ही खुशी...

"हर चीर मेरा...सम्मान ना हर पाएगा... लेकिन एक शब्द ही काफ़ी है... मेरी आबरू मिटाने को... अगर शौंप दूं खुद को जो... जमाने को...." -puja guru

"देख तेरी करनी कैसे माथे पड़ी है.... कुछ दिनों पहले तक...तू पड़ा था... ओ मानव....प्रकृति आज तेरे पीछे पड़ी है.." -pujaguru

"अगर कांप नही रहे....हैवानो की रूह... तो तेरी सजा फ़िज़ूल है.. चाहे वो मौत ही क्यो ना हो...." - pujaguru

उसे पहाड़ो से प्यार था.... एवरेस्ट फतह करना चाहती थी... जिन्दगी ने उसके सामने... उससे भी ऊंचे पहाड़ रख दिए.... वो मजबूत रही...उन्हे तोड़ गिराया.... और दशरथ मांझी बन गई.... - pujaguru

"निर्णय ....आपका आईना है जो... जो बनाता है...बिगारता है.... आपको आप बनाता है.." -puja guru

"मालिक तो एक ही सबका.... जो मलकीयत नही जताता.... बाकी सारे बस वक्त के मजबूत हैं..." - pujaguru

"हम सभी शीशे निहारते रहे .... और वो मिसाल बन गई...." -pujaguru


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