फूलों की सेज नहीं जीवन
फूलों की सेज नहीं जीवन
फूलों की सेज नहीं जीवन,
कांटों का सजा बिछौना है।
सुख तो है गिने चुने लेकिन,
जीवन संघर्ष में खोना है।
पूरी करने में इच्छाएं
जीवन पूरा हो जाएगा,
इच्छाएं पूर्ण नहीं होगी,
पल दो पल ही सुख पाएगा।
असि धार सदृश है जीवन पथ,
जो निपुण वही मंजिल पाए।
बेखबर चले इस पथ पर जो,
गाजर मूली सा कट जाए।
कर्मों से मिलता है सब कुछ,
कर्मों से सब मिट जाता है।
कर्म किए बिन जीवन में,
राही मंजिल ना पाता है।
चलते चलते दुर्गम पथ पर,
संभव है ठोकर लग जाए।
जो ठोकर खाकर जाए संभल,
मंजिल न दूर फिर रह जाए।
ये जीवन की सब बाधाएं
जीवन की अटल परीक्षा है।
उत्साह उमंग लगन कैसी,
जांचे कितनी दृढ़ इच्छा है।
जो कर्म वीर टकरा इनसे,
आगे ही बढ़ता जाता है ।
जग सादर नमन करें उसको,
पग चिन्ह छोड़ वह जाता है ।