बोलो खुद के लिए
बोलो खुद के लिए
चलो! आगे बढ़ो!
मत पीछे मुड़ॊ।
रखॊ हिम्मत,
राास्ता कभी नही हॊगा आसान,
न ही झुकेगा तुम्हारे लिए यह आसमान।
महिनत करने से ही मिलता है फल!
आज का काम आज करो,
क्या पता कब होगा कल?
तुम्हें बोलना है खुद के लिए,
तो ना डरो कठिनाइयोंं से।
लोग बदलते हैं,
आगे भी बदलेंगे;
तुम बस चलते जाओ,
अपने लिए।
सारा संसार कहता है,
जो उन्हें दिखता है।
लोग वही खरीदते हैं,
जो बाजार में बिकता है।
खोजो अपने आप के अंदर को,
इंजीनियर या फिर डॉक्टर को,
कोई नहीं तुम्हारे लिए,
बताएगा इस दुनिया को।
करो परिश्रम,
चाहे मिले पराजेय या सफलता;
बोलना है खुुद के लिए,
ना बोलेगा कोई दूजा।