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Gautam Sagar

Tragedy

5.0  

Gautam Sagar

Tragedy

मगर से बैर

मगर से बैर

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वह बड़ा सरकारी अधिकारी है

उसकी मोटी तनख्वाह है

उसका बड़ा रोब है

उसके पास सरकार का दिया हुआ

मार्बल की फर्श और मार्बल की दीवार वाला

फुल्ली फर्नीशड मकान।

भगवान ने जो कमी दी होगी

उसे नौकरी ने पूरी कर दी


लेकिन इतना बड़ा अधिकारी है

पर उसका ड्राइवर उसे गलियाता है

कहता है

गलत सलत बिल और गलत लॉग बुक

में एंट्री करवाकर

हर महीने पंद्रह हजार के आसपास

का पेट्रोल गटक जाता है


उसका चपरासी उसे बेईमान नंबर वन कहता है

हर दिन मुफ्त के काजू किसमिस डकारता है

और बांधकर घर भी ले जाता है


उसका जूनियर उसे घटिया कहता है

हर पार्टी से कमीशन की चर्चा

यह कहकर करता है

कि ऊपर पहुँचाना पड़ता है


चायवाला भी उसे चिंदीचोर साहब कहता है

दिन भर में दस कप चाय कॉफ़ी खुद पीता है

और महीने के बाद बिल ऑफ़िस खाते से डलवाता है


उसके बेटे को स्कूल से लाने ले जाने का काम

ऑफ़िस की कार करती है

उसके घर हफ्ते में एक बार

ऑफ़िस का स्वीपर साफ सफाई के लिए जाता है


शादी की सालगिरह हो या

बच्चे का बर्थ

होटल वाला

बैंक्वेट हॉल, बुफे खाना मुफ्त में दे देता है

बदले में यह उसे क्या देता है

यह जाहिर नहीं होने देता है


जब विजिलेंस वीक में

ईमानदारी की शपथ लेता हुआ

दिखाई देता है

कई लोगों को लगता है

यह सही समय है

जूते निकाल कर

झूठे शपथ पर पीटने का

लेकिन वह बड़ा साहब है

बड़ा साहब हमारे देश में

मगरमच्छ की तरह होता है

और मगर से बैर वाली कहावत

से लोग डर जाते हैं


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