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मेरी तलाश

मेरी तलाश

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तलाश है कोई मिलें

जिसे अपना कह सकूँ,

उम्मीद से थोड़ा बढ़कर

संग जिसके जिंदगी बीता सकूँ।


कुछ बाटूं, कुछ सहेजूँ

हर वक़्त उसे खुश रख सकूँ,

कुछ बातें सुनाऊँ, कुछ सुनू

पास उसके कुछ वक़्त बीता सकूँ।


कुछ अपना, कुछ उसका

छोटे-बड़े सपने साकार कर सकूँ,

पा के साथ जिंदगी में उसका

एक छोटा सा संसार बसा सकूँ ।


हर पल सुहाना हो

कुछ ऐसा कर सकूँ

सारी उलझन सुलझ जाए

खुद पर इतना ऐतबार कर सकूँ ।


तलाश है कोई मिले

जिसे अपना कह सकूँ

उम्मीद से थोड़ा बढ़कर

संग जिसके जिंदगी बीता सकूँ ।।


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