मेरी प्यारी प्रिया
मेरी प्यारी प्रिया
रोज सोचता हूँ कि आज तो कह ही दूंगा,
तुम्हारी हाँ हो या ना, मैं सुन लूंगा,
यही सोच कर रोज मेसेज करता हूँ,
पर फिर आपकी हाँ, हम्म, अच्छा में,
ऐसा उलझ जाता हूँ ,
एक डर सा लग जाता है,
कल फिर बातें होंगी भी कि नहीं,
कहीं आपने ना कह दी तो,
फिर अपनी ही बातों को घुमा,
कुछ और कह जाता हूँ,
पर वहीँ नहीं कहता जो कहना है
वो मेरा चुपचाप बैठे हुए आप का इंतज़ार करना
वो आपका देख कर मुस्कुराते हुए गुजर जाना
वो आपके लिए मेरा व्हाट्सएप्प स्टेटस लगाना
और आपके देखने के बाद डिलीट कर देना
सोचता हूँ कि कभी शायद आपको इस बात का एहसास हो जाए
शायद खुदा करे आप मुझे मिल जाएँ।।

